*खजनी तहसील* वादकारी हितों की अनदेखी शासन की अभिरुचि अविवादित मुकदमे के निस्तारण न होने के कारण अधिवक्ता आंदोलन हुआ और उग्र पिछले सप्ताह से जारी आंदोलन प्रशासनिक अधिकारियों के अभिरुचि न होने के कारण वादों के निस्तारण में पुराने ढर्रे पर चलते हुए। आज तक कुछ न निर्णय ले पाने के कारण अधिवक्ता आंदोलन और उग्र हो गया। जिसमें बार एसोसिएशन की आवश्यक बैठक कर आगे की रणनीति पर विचार करते हुए। आगे की रणनीति बनाई गई। इसके बाद अधिवक्तागण जुलूस में नारेबाजी करते हुए न्यायालय के समक्ष नारेबाजी किए एवं संवेदनहीन प्रशासनिक अधिकारियों को बताते हुए उनको जगाने के लिए अपने विचार व्यक्त किए। जिससे सरकार की तंद्रा टूटे एवम प्रशासनिक अधिकारी आम जनता के न्याय व्यवस्था के लिए जागृत हो। और प्रशासन का यह वाक्य कि जन संवेदना प्रशासन का प्राण तत्व है। इस दृष्टिकोण में बादकारी हितों का सपना साकार हो। एवं प्रशासनिक अधिकारी यथाशीघ्र न्याय व्यवस्था को दुरुस्त करें। जिससे अविवादित मुकदमो का त्वरित गति से निस्तारण हो सके।

इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए पूर्व अध्यक्ष महेश प्रसाद दुबे ने संवेदनहीन प्रशासनिक अधिकारियों को चेताया एवं वाद कारी हितों को यथाशीघ्र निस्तारण के लिए अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर बार एसोसिएशन तहसील खजनी के अध्यक्ष पलट राज, मंत्री संजय पांडे एवं समस्त कार्यकारिणी के सदस्यगण एवं सैकड़ों वादकारीगण उपस्थित थे।

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