शान्ती समाचार गोरखपुर

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में अपना पांचवां आम बजट पेश किया. इस दौरान कृषि, शिक्षा, गरीबों, महिलाओं और नौकरीपेशा लोगों के लिए अहम ऐलान किए गए. 7 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री कर दी गई. भाजपा इसे आम जनता की उम्मीदों का बजट बता रही है, तो विपक्ष ने इसे निराशाजनक बताया है.

बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत काल का पहला बजट विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव रखेगा. हर वर्ग का सपना पूरा होगा। यह बजट गरीब, मध्यम वर्ग, किसान सहित आकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करेगा. परंपरागत रूप से अपने हाथों से देश के लिए मेहनत करने वाले ‘विश्वकर्मा’ इस देश के निर्माता हैं. पहली बार ‘विश्वकर्मा’ के प्रशिक्षण और सहायता से संबंधित योजना बजट में लाई गई है.

राहुल ने कहा यह मित्र काल का बजट है. भविष्य के लिए सरकार के पास कोई रोड मैप नहीं है. 50% गरीब 64% GST देते हैं. बजट में महंगाई से निपटने और रोजगार देने के लिए कोई योजना नहीं है. 42% युवा बेरोजगार हैं, लेकिन PM को कोई परवाह नहीं है.

मल्लिकार्जुन खड़गे बोले बजट 2-4 राज्यों के चुनाव को देखते हुए पेश किया गया है. यह बजट नहीं इलेक्शन स्पीच है. उनकी जो भी बातें उन्होंने बाहर कही है वैसे जुमले इस बजट में डालकर इसे दोहराया गया है. बजट में महंगाई और मुद्रा स्फ़ीति में इजाफा है जिसपर ध्यान देना चाहिए था. उन्होंने कहा था कि वे हर साल 2 करोड़ नौकरियां देंगे. सरकारी भर्तियों के लिए भी कुछ भी नहीं हुआ. गरीब, बेरोजगार के लिए इस बजट में कुछ नहीं है.

पी चिदंबरम के मुताबिक, 2023-24 के बजट से पता चलता है कि यह सरकार लोगों और आजीविका के बारे में उनकी चिंताओं से कितनी दूर है. यह एक संवेदनहीन बजट है जिसने अधिकांश लोगों की आशाओं को धोखा दिया है. नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वालों की छोटी संख्या को छोड़कर कोई कर कम नहीं किया गया. ‘तर्कहीन’ जीएसटी दरों में कोई कटौती नहीं की गई है. नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट विकल्प बनाना ‘घोर अनुचित’ है. यह पुरानी व्यवस्था के तहत सामान्य करदाताओं को मिल रही अल्प सामाजिक सुरक्षा से वंचित करेगा.

शशि थरूर के अनुसार बजट में कुछ चीजें अच्छी थीं, मैं इसे पूरी तरह नेगेटिव नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं. बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था. सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई.

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