शान्ती समाचार
चीन में कोरोना टेस्ट किट बनाने वाली फैक्ट्री में रविवार को हिंसा हुई. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर दवाओं के बॉक्स फेंके. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये लोग नौकरी से निकाले जाने और सैलरी न मिलने से नाराज थे. इन्होंने विरोध प्रदर्शन किया तो पुलिस ने रोका और इसकी वजह से हिंसा हुई.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चूंगचींग शहर में कोविड टेस्ट किट बनाने वाली जायबायो कंपनी ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया और सैलरी भी नहीं दी. इसके बाद फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शनकारी सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए. हिंसा के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रोटेस्ट कर रहे लोग पुलिस पर दवाओं के खाली बक्से और स्टूल फेंक रहे हैं. पुलिसकर्मी भागते नजर आ रहे हैं. उन्होंने हेलमेट और सेफ्टी गियर्स पहन रखे हैं.
वीडियो में लोगों नारेबाजी करते हुए सुना जा सकता है. वो कह रहे हैं- हमारा पैसा वापस करो. एक यूजर ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- ये जीरो-कोविड पॉलिसी हटाने का नतीजा है, अब कोरोना काल में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियों कर्मचारियों को निकाल रही हैं. क्योंकि उनके मुताबिक, अब प्रोडक्शन कम होगा, इसलिए कंपनी में ज्यादा लोगों की जरूरत नहीं. चाइना कम्युनिस्ट पार्टी पर नजर रखने वाली ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट जेनिफर जेंग ने भी सोशल मीडिया पर झड़प का वीडियो शेयर किया है. उनके मुताबिक, कोरोना टेस्ट किट बनाने वाली कंपनी मे करीब 10 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जिसके बाद प्रदर्शन शुरू हुए.
हिंसा के वीडियो वायरल होने के बाद #ChongqingDadukouPharmaceuticalFactory सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा. इसे चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर बैन कर दिया गया. चीन का ये प्लेटफॉर्म ट्विटर की तरह है. दरअसल, 3 साल तक कड़े कोरोना नियम लागू करने वाली चीन सरकार ने यू-टर्न ले लिया था और जीरो कोविड पॉलिसी हटा दी थी. इसके बाद कोरोना के मामले बढ़ गए. सरकार ने संक्रमितों रियल टाइम डेटा जारी करने से भी इनकार कर दिया.
इसके बाद सरकार ने तर्क दिया कि कोरोना से खतरा नहीं है, इसलिए जीरो कोविड पॉलिसी हटाई गई. अब प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार के इस बयान के बाद कंपनी प्रोडक्शन कम कर रही है और लोगों को निकाल रही है. जिससे वो बेरोजगार हो रहे हैं. चीन में बिगड़ते हालात ये बताते हैं कि टेस्ट किट्स की जरूरत है और उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाना चाहिए.