20 मंडलों में टीम ने चलाया था अभियान*
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पकड़ने में गोरखपुर मंडल की टीम प्रदेश में अव्वल रही है। दूसरे पर कानपुर और तीसरे पर नंबर पर गौतमबुद्ध नगर की टीम रही। गोरखपुर मंडल की टीम ने लक्ष्य से छह गुना अधिक टैक्स चोरी पकड़ी है। कानपुर और गौतमबुद्ध नगर मंडल की टीम ने लक्ष्य के सापेक्ष दो से ढाई गुना अधिक टैक्स चोरी पकड़ी है।
जीएसटी गोरखपुर मंडल को 50 लाख रुपये का लक्ष्य मिला था। विभाग ने 200 व्यापारियों को चिह्नित कर जांच की। इसके बाद 166 व्यापारियों को कर चोरी करते पकड़ा। इनसे 3.17 करोड़ रुपये टैक्स जमा करवाया।
शासन ने सबसे अधिक टैक्स देने वाले राज्य कर विभाग को खास प्राथमिकता में रखा है। विभाग के सभी जोनल, एडिशनल कमिश्नरों के कामों को चार श्रेणी में बांट कर कार्य किया गया। इनमें दिसंबर में वस्तु एवं सेवा कर का गोपनीय जांच दल प्रदेश में अव्वल पर रहा। अधिकारियों ने रणनीति बनाकर टैक्स चोरी के आंकड़ों को पहले संकलित किया। अभियान में एक साथ छापा मारकर कर चोरी पकड़ी और राजस्व को सरकारी कोष में जमा करवाया।
मंडल की एसआईबी (गोपनीय) टीम को दिसंबर में 50 लाख रुपये का लक्ष्य दिया गया था। एसआईबी जोन प्रथम व द्वितीय आयुक्त अपनी टीम के साथ लगातार नजर बनाए थे। शासन की तरफ से जीएसटी विभाग को चार लक्ष्य दिए गए थे।
पहला जीएसटी संग्रह, दूसरा टैक्स चोरी, तीसरा विशेष जांच टीम एसआईबी की कार्रवाई और चौथा मंडल में अपंजीकृत व्यापारियों की संख्या को बढ़ाना था। टैक्स चोरी के साथ बड़ी संख्या में अपंजीकृत व्यापारियों का पंजीकरण करवाया गया।
अपर आयुक्त ग्रेड प्रथम विनय कुमार राय ने बताया कि प्रदेश में दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष टैक्स चोरी पकड़ने में मंडल की एसआईबी टीम अव्वल रही है। दिसंबर में बड़ी संख्या में जीएसटी पंजीकरण और अन्य मानकों की जांच की गई थी।
*आंकड़े-जोन* *टैक्स वसूली* *लक्ष्य।*
गोरखपुर 317 लाख रुपये (छह गुना) 50 लाख रुपये
गौतमबुद्ध नगर 687.88 लाख रुपये (दो गुना) तीन करोड़ रुपये
कानपुर द्वितीय 854.44 लाख रुपये (लगभग ढाई गुना) तीन करोड़ रुपये
*20 मंडलों में टीम ने चलाया था अभियान*
आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, बरेली, इटावा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर प्रथम व द्वितीय, लखनऊ प्रथम व द्वितीय, मेरठ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर, वाराणसी प्रथम व द्वितीय मंडल में अभियान चलाया गया।